दतिया: जिला अस्पताल में कलेक्टर का स्टिंग ऑपरेशन, फर्जी मरीज बनाया और उसे ट्रामा सेंटर भेजा




दतिया जिला चिकित्सालय में प्राइवेट एंबुलेंस के नाम पर दलाली का खेल लंबे समय से चल रहा था। जिस की शिकायत जिला कलेक्टर को लंबे समय से मिल रही थी। शिकायत को संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने अन्य अधिकारियों को रविवार रात 8 बजे मरीज बनाकर पहुंचाया। स्वयं मौके पर पहुंचे और सारा खेल छिपकर देखते रहे। मौका मिलते ही एंबुलेस चालक को दबोच लिया। वहीं, वार्ड बॉय भाग निकला।



फर्जी मरीज बनाया, और उसे ट्रामा सेंटर भेजा:


दरअसल, कलेक्टर संजय कुमार को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि, जिला चिकित्सालय में निजी एंबुलेंस को बढ़ावा देने के लिए दलाली का खेल चल रहा है। इस सूचना पर कलेक्टर, जिला पंचायत के एडिशनल सीईओ धनंजय मिश्रा, नरेंद्र दुबे समेत अन्य अफसरों और कर्मचारियों के साथ जिला चिकित्सालय पहुंचे। रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने सिद्धार्थ कॉलोनी निवासी अर्जुन अहिरवार को फर्जी मरीज बनाया और उसे ट्रामा सेंटर भेजा कृत्रिम मरीज अर्जुन की मां चिल्लाने लगी कि उसके बेटे ने जहर खा लिया है।

उसको झांसी ले जाना पड़ेगा। उसे रैफर करो। यह सुनते ही ट्रामा सेंटर का वॉर्ड बॉय चतुर्भुज शुक्ला सक्रिय हो गया, और उसने तत्काल चौरसिया निजी एंबुलेंस बुलाई। यह देखते ही कलेक्टर समेत पूरे टीम के अन्य अफसर मौके पर पहुंचे, और एंबललेंस चालक को पुलिस की मदद से दबोच लिया। शुक्ला मौके का फायदा उठाकर भाग निकला लेकिन निजी एंबुलेंस जब्त कर ली गई। साथ ही एंबुलेंस चालक और एक अन्य को पुलिस हिरासत में लिया करीब एक घंटे तक है, करेक्टर अस्पताल में रहे।



वार्ड बॉय को निकालने की होगी कार्रवाई: कलेक्टर


कलेक्टर संजय कुमार का कहना है कि एंबुलेंस माफियाओं के सक्रिय होने की शिकायत लगातार मिल रही थी। जिसे संज्ञान में लेकर उन्होंने नकली मरीज बनाकर भेजा और माफिया का भंडाफोड़ करने की कोशिश की है। वार्ड बॉय चतुर्भुज शुक्ला को नौकरी से निकालने की कार्रवाई की जाएगी।

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