Natu Natu Song Won Best Original Song Award in Oscars: ऑस्कर अवॉर्ड 2023 में एसएस राजमौली की फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू ने इतिहास रच दिया है। इस गाने को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी में ऑस्कर पुरस्कार मिला है। राम चरण और जूनियर एनटीआर पर फिल्माए गए फिल्म के गाने 'नाटू नाटू' ने बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड भी जीता था।
Natu-Natu Song Won Oscars 2023 in Hindi: ऑस्कर अवॉर्ड 2023 में एसएस राजामौली की फिल्म 'RRR' ने इतिहास रच दिया। फिल्म के प्रशंसकों को इस फिल्म से काफी उम्मीदें थीं। पहले ही कई पुरस्कार अपने नाम कर चुका फिल्म का नाटू-नाटू गाना। ऑस्कर की रेस में सबसे आगे निकल गया। फिल्म के गाने नाटू-नाटू ने ऑस्कर जीतकर इतिहास रच दिया है। इसने यह पुरस्कार बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग की श्रेणी में जीता। पुरस्कार पाने के रेस में ‘अप्लॉज’, ‘होल्ड माय हैंड’, ‘लिफ्ट मी अप’ और ‘दिस इज अ लाइफ’ जैसे चार्टबस्टर गाने शामिल थे। नाटू-नाटू ने सबको पछाड़ ऑस्कर अपने नाम किया।
एसएस राजामौली (Indian film director SS Rajamouli) की गिनती हमेशा उन चुनिंदा निर्देशकों में होती है, जो कुछ अलग करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने सिने जगत को मक्खी, मगाधीरा और बाहुबली जैसी नायाब फिल्में दी। फिर आजादी के इर्द-गिर्द बुनी RRR के साथ कामयाबी का नया मापदंड बनाया। यह फिल्म दर्शकों के लिए विजुअल ट्रीट तो थी ही, इसका म्यूजिक भी लोगों की जुबान पर चढ़ गया। खासकर, राम चरण और जूनियर एनटीआर पर फिल्माया गया नाटू-नाटू सॉन्ग।
नाटू-नाटू ने तो कामयाबी के सारे रेकॉर्ड तोड़ डाले। हर मुल्क में इस पर शॉर्ट विडियो बने। लोगों ने जूनियर एनटीआर और राम चरण के डांस स्टेप कॉपी किए। अवॉर्ड्स की झड़ी लगी, सो अलग। 'नाटू नाटू' को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स 2023 बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग मोशन पिक्चर का खिताब भी मिला। इसे ऑस्कर में भी ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में एंट्री मिली।
म्यूजिक के जानकारों के मुताबिक- ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में वही गाना शामिल हो सकता है, जो पहले से मौजूद किसी गाने की नकल नहीं है। गाना किसी भी भाषा में हो सकता है, लेकिन वह किसी भाषा के गाने की नकल नहीं होनी चाहिए। यहां तक कि उसमें किसी पुराने गाने, ट्यून, कंटेंट या अर्थ का भी कोई असर नहीं होना चाहिए।
नाटू-नाटू इस पैमाने पर पूरी तरह खरा उतरता है। म्यूजिक डायरेक्टर एमएम किरावानी और गीतकार चंद्रबोस ने इस मौलिक गाने की रचना की। इसके म्यूजिक, बोल से लेकर कोरियोग्राफी तक पर किसी पुराने गाने की झलक नहीं दिखती। यही वजह थी कि इसने गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड आसानी से अपने नाम कर लिया था।
वहां ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में दुनियाभर के 81 गानों को एंट्री मिली थी। इनमें से 15 गाने एडवांस कैटेगरी में पहुंचे। यूक्रेन के राष्ट्रपति भवन के बैकग्राउंड में फिल्माए गए 'नाटू-नाटू' गाने का मुकाबला फिल्म अवतार : द वे ऑफ वॉटर गाने नथिंग इज लॉस्ट (यू गिव मी स्ट्रेंथ) से था। लेकिन, नाटू-नाटू के सामने वह टिक नहीं पाया था।
जाने-माने फिल्म डायरेक्टर शेखर कपूर ने गोल्ड ग्लोब जीतने पर राजामौली और आरआरआर की म्यूजिक टीम को दिलचस्प अंदाज में बधाई दी थी। उन्होंने कहा था, 'आप लोगों ने रिहाना, लेडी गागा और टेलर स्विफ्ट के खिलाफ जीत हासिल की है। यह बेहद शानदार उपलब्धि है।'
नाटू-नाटू से पहले गोल्डन ग्लोब में कोई भारतीय फिल्म यह कमाल नहीं कर पाई थी। गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में भारत को पहली कामयाबी मिली, साल 1957 में। मशहूर निर्देशक वी शांताराम की फिल्म दो आंखें बारह हाथ को एक नई कैटेगरी के तहत यूनाइटेड स्टेटस से बाहर बनी बेस्ट फिल्म का सैमुअल गोल्डविन इंटरनैशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था।
इसके बाद फिल्म गांधी को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में बंपर सफलता मिली। रिचर्ड एटनबरो ने इस फिल्म को अंग्रेजी भाषा में बनाया था, लेकिन इसे 1983 के गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटिगरी में नॉमिनेट किया गया। इसके अलावा इसको बेस्ट ऐक्टर, बेस्ट स्क्रीनप्ले, न्यू स्टार ऑफ द ईयर और बेस्ट डायरेक्टर के नॉमिनेशन मिले और इसने पांचों कैटिगरी में जीत हासिल की। इसके बाद इस फिल्म ने ऑस्कर अवॉर्ड सेरेमनी में भी धमाल मचाया।
जाने माने म्यूजिक डायरेक्टर ए आर रहमान को बेस्ट स्कोर का गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीतने वाला पहला भारतीय माना जाता है। उन्हें यह अवॉर्ड फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर के लिए मिला था।