दतिया: गल्ला मंडी में किसानों के भुगतान न होने पर आक्रोश, व्यापारियों के आगे प्रशासन ने भी घुटने टेके



दतिया जिले के इंदरगढ़ तहसील के व्यापारियों ने नकद भुगतान नहीं करने की बात कही तो किसान आक्रोशित हो गए। किसानों ने मंडी गेट में धरना शुरु दिया। उनका कहना है कि वे छोटे किसान है। सरकार का नियम है कि 2 लाख रुपए तक की फसल बेचने पर नकद में राशि दी जानी चाहिए लेकिन व्यापारी सरकार के इस नियम को नहीं मान रहे है।



इन दिनों जिले के किसान गेहूं की फसल लेकर भारी मात्रा में कृषि उपज मंडी पहुंच रहे हैं। ऐसे में सरकार के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी किसानों को फसल का नकद भुगतान नहीं मिल रहा है। इंदरगढ़ कृषि उपज मंडी में आक्रोशित किसानों ने संगठित होकर मंडी गेट के बाहर प्रदर्शन किया और चक्काजाम करने चेतावनी दी। सूचना मिलने के बाद इंदरगढ़ तहसीलदार मौके पर पहुंचे और किसानों को नकद भुगतान का आश्वासन देने के बाद मामला शांत कराया।



मंडी कर्मचारी बोले: व्यापारियों को बैंक से पैसा नहीं मिला, इसलिए नकद भुगतान नहीं कर सकते


इस मामले को लेकर मंडी कर्मचारियों का कहना है कि व्यापारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बैंक से आज भुगतान नहीं हुआ है, जिसके चलते किसानों की फसल का आज नगद भुगतान नहीं हो सकेगा। इसके अलावा व्यापारियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि किसान चाहे तो RTGS और चेक के माध्यम से पैसे ले सकते हैं।



किसानों को 2 लाख रु. तक नकद भुगतान करने का है नियम:


मामले को लेकर आक्रोशित किसानों का कहना है। यह पहली बार नहीं है, हर बार व्यापारी किसान को कुछ न कुछ बहाना बनाकर 6-7 दिन का समय ले ही लेते हैं, जब भी हंगामा होता है, या किसान अपनी समस्या बताता है तो व्यापारी अधिकारियों के सामने चेक और आरटीजीएस का हवाला देते है। किसानों ने कहा कि 2 लाख रुपए से कम रकम का नकद भुगतान करने का नियम है लेकिन व्यापारी ऐसा नहीं करते है।



व्यापारियों की मनमानी, प्रशासन की स्थिति मुकदर्शक जैसी:


जब भी किसान प्रदर्शन कर अपनी बात रखते हैं, तो व्यापारी इक्कठा होकर हड़ताल पर बैठ जाते हैं, जिसका नुकसान हर बार की तरह किसान को भुगतना पड़ता है। किसान मजबूरी में कम दामों पर मंडी के बाहर बैठे व्यापारियों को अपनी फसल बेचकर चले जाते हैं। इसके अलावा इन व्यापारियों की हड़ताल के चलते किसान के साथ-साथ अधिकारियों को भी झुकना पड़ता है।



इंदरगढ़ कृषि उपज मंडी में गुरूवार इगोई गांव के किसान अमर सिंह ने अपना दर्द बयां किया। "6 जून को बेटी की शादी है, सभी तैयारियां करनी हैं। मंडी में गेहूं बेचने आया हूं, लेकिन व्यापारी नकद भुगतान नहीं कर रहे है। गेहूं की बिक्री के रुपयों से शादी की खरीदारी करना चाहते हैं लेकिन अब लग रहा है कि, जमीन बेचकर ही शादी करनी पड़ेगी।"

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