दतिया: यंग थिंकर्स फोरम दतिया द्वारा सामूहिक चर्चा का आयोजन

 



शत्रुओं की पहचान करें, आत्मबोध पर चिंतन करें


यंग थिंकर्स फोरम दतिया द्वारा दिनांक 7 जून 2023 को शासकीय पुस्तकालय दतिया में "शत्रुबोध और स्वयंबोध" विषय पर 'वार्ता' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 


फोरम द्वारा आयोजित विमर्श कार्यक्रम में शहर के चिंतनशील युवाओं ने शत्रुबोध और स्वयंबोध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे। 



श्री सत्यम खरे जी ने शत्रुबोध विषय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि शत्रुबोध की कमी के चलते अक्रांताओ द्वारा बार बार भारत पर सफल आक्रमण किए गए। 


श्री पुनीत दुबे जी ने वर्तमान युवा पीढ़ी के लिए आधुनिकता के परस्पर भारतीय ज्ञान परंपरा एवं संस्कृति में संतुलन बनाने के लिए स्वयंबोध की प्रासंगिकता बताई। उन्होंने कहा कि हमें वैदिक और धार्मिक साहित्य के बारे में जानने की उतनी ही आवश्यकता है जितनी की आधुनिक ज्ञान की।


चर्चा को आगे बढ़ते हुए पुस्तकालय प्रभारी श्री मनोज अहिरवार जी ने बताया कि किस तरह आज भी हमारे अंदर स्वयं का बोध नहीं है और हम आज भी मैकाले शिक्षण पद्धति जैसे औपनिवेशिक काल की मानसिकता को ढो रहे हैं।


फोरम के सदस्य श्री राजा यादव जी ने बताया कि शत्रुबोध और स्वयंबोध की कमी के कारण ही हम आज भी पश्चिमी और चीन जैसे देशों के साथ व्यापार पर निर्भर हैं। 


प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे श्री नवीन श्रीवास्तव जी ने बताया कि किस तरह आज की अधिकांश पीढ़ी स्वयंबोध की कमी के रहते समाज निर्माण में प्रतिभागी न बनकर पाश्चात्य विचारों से ग्रसित है। उन्होंने युवा पीढ़ी की सही दिनचर्या और अध्ययन की महत्वता पर जोर दिया। 


कार्यक्रम में सौरभ श्रीवास्तव, साहिल मिश्र, अमिल अहिरवार, सुशील कुशवाहा, काजोल दोहरे, कौशल पाठक, आकांक्षा लिटोरिया, रुचि गुप्ता, आदित्य सिंह, मितेंद्र यादव, मुकुल चौरसिया एवं फोरम के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।

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