मध्यप्रदेश: गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा को फ़ोन करके रोने लगे कांग्रेस से निष्काषित जिला अध्यक्ष, सुने पूरी बातचीत



डिंडौरी में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए वीरेंद्र बिहारी शुक्ला ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने अपना दुखड़ा रोया है। उन्होंने अपनी और परिवार की जान को खतरा बताते हुए मदद भी मांगी है। मंगलवार सुबह मिश्रा से फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, 'पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मेरी चरित्र हत्या कर दी है। मेरा पूरा परिवार खतरे में है। आपका सहयोग चाहिए।' इस बातचीत के दौरान वे खूब रोए।

इस बात की जानकारी खुद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में मीडिया से चर्चा के दौरान दी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ को ऐसा नहीं करना था। आपका जिला अध्यक्ष था। आपको तानाशाह कह दिया तो आप इतने बड़े डिक्टेटर हो गए कि उसकी चरित्र हत्या की कोशिश करने लगे हो। यह आपका दूसरा ही रूप कार्यकर्ता देख रहे हैं। वे या तो 'जय-जय कमलनाथ' बोलें, नहीं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई कर आपका मीडिया सेल उनकी चरित्र हत्या करता है।



कमलनाथ पर आरोप लगाए तो किया गया निष्कासित:

वीरेंद्र बिहारी शुक्ला को बीते दिनों जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। इसके बाद शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कमलनाथ पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसकी प्रतिक्रिया में 26 मई को उन्हें कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था।



सुंदरकांड पाठ कराने की घोषणा पर नरोत्तम का तंज:

कांग्रेस के सुंदरकांड पाठ कराने पर गृह मंत्री ने कहा- सुंदरकांड का पाठ करें अच्छी बात है। पर राहुल गांधी के उस बयान से कांग्रेस सहमत है क्या, जिसमें उन्होंने कहा था कि मंदिर में लड़के, लड़कियां छेड़ने जाते हैं। यह कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए। चुनाव के समय धर्म की दुकान खोलने वालों को जनता जान चुकी है। यह तुष्टीकरण की राजनीति अब नहीं चलने वाली।





गृहमंत्री और वीरेंद्र बिहारी शुक्ला के बीच फोन पर हुई पूरी बात पढ़िए: 


  • वीरेंद्र शुक्ला: मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुझे बिना किसी कारण 26 तारीख को पार्टी से निकाल दिया।
  • नरोत्तम मिश्रा: आप पार्टी में किस पद पर थे?
  • वीरेंद्र शुक्ला: मैं जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष था। मुझे बिना कारण के पद से हटा दिया। कमलनाथ जी को मुझे हटाने का अधिकार नहीं है। इस बात की शिकायत मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से की कि मुझे हटाने का अधिकार नहीं है। यदि मैं इस्तीफा देता हूं तो यह हटाकर नया बना सकते थे। यह मध्यप्रदेश में कांग्रेस को तबाह कर रहे हैं। कांग्रेस को प्राइवेट कंपनी की तरह चला रहे हैं। उन्होंने मुझे पार्टी से यह कहते हुए निष्कासित कर दिया कि आपके द्वारा वरिष्ठों के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। इसकी मैंने AICC से शिकायत कर दी, तो इन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से मुझ पर आरोप लगाया कि अप्रैल और मई में भोपाल के होटल में मुझे पुलिस ने पकड़ा था। इसकी शिकायत आई है। इसी आधार पर जांच के बाद पार्टी से निष्कासित किया गया है।

(इतना कहते हुए वीरेंद्र शुक्ला रोने लगे, आगे कहा...)

  • वीरेंद्र शुक्ला: इन्होंने मेरे चरित्र की हत्या कर दी। ये बड़े लोग हैं। कुछ भी कर सकते हैं।
  • नरोत्तम मिश्रा: आप चिंता नहीं करें। मेरे संज्ञान में आपने विषय लाया है, मैं जानकारी लेता हूं।
  • वीरेंद्र शुक्ला: मेरी श्रीमती, मेरे पिताजी और बच्चों को मैंने भोपाल रवाना किया है। वे आपके पास आकर आवेदन देंगे। मेरे पिताजी 80 साल के हैं, मेरी छोटी बच्चियां हैं।
  • नरोत्तम मिश्रा: डरो मत, हम सब साथ हैं आपके। मैं आपकी पूरी चिंता करूंगा। आप चिंता मत करिए।
  • वीरेंद्र शुक्ला: आपका सहयोग चाहिए। मेरा पूरा परिवार खतरे में है। मेरी चरित्र हत्या हो गई है।

थाने में दी शिकायत- किस होटल में पकड़ा गया, इसकी जांच की जाए

शुक्ला ने नरसिंहपुर कांग्रेस IT सेल के ग्रुप पर देव नरवारे द्वारा की गई पोस्ट को लेकर डिंडौरी थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि 29 मई को सोशल मीडिया में देव नरवारे ने मेरे चरित्र पर लांछन लगाते हुए आपत्तिजनक पोस्ट की हैं। मेरे और मेरे परिवार की छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र रचा गया है। कमलनाथ ने तानाशाही निर्णय लेकर मुझे जिलाध्यक्ष पद से हटाया, यह बात मैंने मीडिया के सामने कही। इस कारण मप्र कांग्रेस कमेटी ने मेरी छवि खराब की। मेरा परिवार डरा हुआ है कि आर्थिक रूप से समृद्ध कमलनाथ मेरे परिवार के खिलाफ कुछ भी आरोप अपने कार्यकर्ताओं से लगवा सकते हैं।

उन्होंने बताया, 'मैंने पुलिस से अनुरोध किया है कि किस थाने में मुझ पर कार्रवाई की गई.. कहां FIR हुई.. किस पुलिस ने मुझे पकड़ा, किस दिन और तारीख का मामला है.. एमपी नगर (भोपाल) के किस होटल का मामला है..इस पूरी जांच की जाए। केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह से मांगी गई मदद के मामले में मेरी कॉल डिटेल की भी जांच की जाए। मेरे राजनैतिक और सामाजिक जीवन में आज दिनांक तक मेरी बात उनसे नहीं हुई है। इसकी संपूर्ण जांच कराकर सोशल मीडिया में प्रसारित पोस्ट पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।'

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