विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी अपनाएगी ये फार्मला!


 भोपाल। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले जीत की सौ फीसदी गारंटी की तैयारी करना शुरू कर दी। पहले यह फैसला किया गया था कि पार्टी के जिला अध्यक्षों को चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा! लेकिन, आज इस फैसले में फेरबदल किया गया। नई गाइडलाइन के मुताबिक पार्टी के जो जिला अध्यक्ष चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें पद से इस्तीफ़ा देना होगा! लगता है कि भाजपा विधानसभा चुनाव जीतने के लिए किसी भी एंगल पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए टिकट के दावेदारों की गाइडलाइन को लेकर लगातार रणनीति बनाई जा रही है। अब पार्टी ने अपना ही पुराना फैसला बदल दिया। पहले कहा गया था कि जिला अध्यक्षों को टिकट नहीं मिलेगा। अब फैसला हुआ कि तब चुनाव लड़ सकते हैं, जब अध्यक्ष पद छोड़ेंगे।

बूथ विस्तारक बैठक में यह सहमति बनी कि जो भी जिला अध्यक्ष विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, वे पहले अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें। इसके बाद ही वे चुनाव लड़ने की पात्रता पा सकेंगे। भाजपा संगठन के कई बड़े नेताओं की बैठक में यह फैसला हुआ। भोपाल के नजदीक 'राधा की ढाणी' में हुई बूथ विस्तारक बैठक में सभी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया।

इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद रहे। जबकि, इससे पहले की बैठकों में जिला 1 अध्यक्ष के चुनाव नहीं लड़ने के फॉर्मूले पर सहमति बनी थी। लेकिन, जब पार्टी को लगा कि जिला अध्यक्ष का क्षेत्र में दबदबा होता है! जो वास्तव में जीतने स्थिति में हैं, उन्हें चुनाव में उतारा जा सकता है। लेकिन, इसे लेकर इसे लेकर पार्टी ने अपनी गाइडलाइन स्पष्ट कर दी।

दावेदारों को परखेगी पार्टी

माना जा रहा है कि प्रदेश में 50 साल से कम के दावेदारों पर पार्टी विचार कर सकती है। लेकिन, ऐसे लोगों को टिकट देने से पहले दावेदार को परखा जाएगा कि क्या उसे 51% वोट मिल सकते हैं! क्योंकि, बीजेपी का लक्ष्य हर विधानसभा क्षेत्र में 51% वोट हासिल करने का है। यह भी पूछा और तलाशा जाएगा कि पिछले 5 साल में दावेदार ने ऐसा क्या काम किया, जिसे उसकी जीत पारंटी माना जाए ! संभावना है किपार्टी के इस फैसले के बाद कई जिला अध्यक्ष इस्तीफ़ा दे सकते हैं।

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