मध्य प्रदेश के शिवपुरी नरवर थानांतर्गत ग्राम बरखाड़ी में '2 दलित युवकों को पीटा, मैला खिलाया, जूते की माला पहनाकर पूरे गाँव में घुमाया..', अजमत-आरिफ, शाहिद समेत 6 गिरफ्तार


शिवपुरी: ध्य प्रदेश के शिवपुरी नरवर थानांतर्गत ग्राम बरखाड़ी में एक युवती के साथ छेड़खानी का आरोप लगाकर दो युवकों को बेरहमी से पीटा गया और उनके चेहरे पर कालिख पोतकर जुलूस निकाला गया। बाद में पुलिस द्वारा की गई छानबीन में छेड़छाड़ का मामला साबित नहीं हुआ। उसके बाद पुलिस ने पीड़ित युवकों की शिकायत पर 7 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इनमें से 6 अरेस्ट भी हो चुके हैं, जबकि सातवां आरोपी अभी फरार बताया जा रहा रहा है। दलित समुदाय से आने वाले दोनों पीड़ित लड़कों का आरोप है कि उन्हें मैला तक खिलाया गया।

 

रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार (30 जून) को ग्राम बरखाड़ी के कुछ लोगों ने गांव की युवती से छेड़छाड़ का झूठा इल्जाम लगाते हुए अनुज जाटव व संतोष केवट नामक दो युवकों के साथ मारपीट की थी। आरोपों के अनुसार, ये दोनों युवक, गांव की एक युवती से छेड़छाड़ कर रहे थे। इन्हें सबक सिखाने के लिए पूरी साजिश के साथ गांव में बुलाया गया और फिर इन्हे घेरकर उनकी पिटाई की गई। इसके बाद इनके चेहरे पर कालिख पोतकर और गले में जूते की माला डालकर पूरे गाँव में जुलूस निकाला गया। यहाँ तक कि, दलित समुदाय के पीड़ितों को मैला खाने के लिए भी मजबूर किया गया और फिर पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस घटना का एक वीडियो भी जमकर वायरल हुआ था।


जब पुलिस ने इन युवकों से पूछताछ की, तो युवकों ने छेड़छाड़ से साफ़ इंकार कर दिया। पुलिस की जांच में भी लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप साबित नहीं हो पाया। जिस वक़्त घटना हुई युवती वहां मौजूद नहीं थी, युवकों की युवती से सिर्फ फोन पर बात हुई थी। पुलिस अधीक्षक (SP) रघुवंश भदौरिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि इसके बाद युवकों की शिकायत के आधार पर अजमत खान, वकील खान, आरिफ खान, शाहिद खान, इस्लाम खान, रहीशा बानो, साइना बानो के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर छह आरोपितों को अरेस्ट कर लिया है, जबकि एक आरोपित फरार चल रहा है, उसकी तलाश जारी है। हालाँकि, इस पूरे घटनाक्रम में हैरान करने वाली बात ये भी है कि, चुनावी राज्य मध्यप्रदेश में दलितों के साथ हुई इस अमानवीय हरकत पर दलित केंद्रित राजनीति करने वाले किसी राजनेता की नज़र नहीं पड़ी, न तो भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर आज़ाद की इस मामले पर प्रतिक्रिया आई, न ही बसपा सुप्रीमो मायावती तक यह खबर पहुंची और न ही मीम-भीम का नारा देने वाले असदुद्दीन ओवैसी के संज्ञान में यह घटना पहुंची

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