गुरुबार को 350वा हिंदवी स्वराज्य समारोह समिति दतिया द्वारा दतिया नगर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई...यह शोभायात्रा सायं ठीक 5:00 बजे बिहारी जी मंदिर बाड़े से प्रारंभ हुई.इस शोभायात्रा के पूर्व श्री ब्रजकिशोर जी भार्गव प्रांत संयोजक 350 वा हिंदवी स्वराज्य समारोह समिति मध्यभारत प्रांत मुख्य अतिथि रहे...
एवं प्राध्यापक शिवारमण जी पांडेय जिला अध्यक्ष 350वा हिंदवी स्वराज्य समारोह समिति जिला दतिया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की..
सर्वप्रथम अतिथि परिचय इसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र का पूजन एवं माल्यार्पण किया गया इसके उपरांत मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष जी का समिति सदस्य श्री राजेश जी पैकरा, श्री देवेंद्र जी भार्गव, श्री विक्रम जी दांगी,श्री मति मानसी मुडोतिया द्वारा स्वागत किया गया इसके उपरांत श्री ब्रजकिशोर जी भार्गव ने सभी को संबोधित किया.. उन्होंने बताया कि भारत के प्रत्येक नागरिक से यदि पूछा जाए कि कौन सा राज्य चाहिए तो प्रत्येक नागरिक कहेगा कि हमें रामराज्य चाहिए क्योंकि रामराज्य मे सबके साथ समानता,सबके लिए न्याय था इसलिए हिंदू साम्राज्य दिवस हिंदी स्वराज्य या हिंदू पद पादशाही या रामराज्य एक समान ही है..शिवाजी महाराज का जब प्रादुर्भाव हुआ तब एक भी स्वतंत्र हिंदू राजा भारत में नहीं था.. हिंदू सूबेदार थे, हिंदू जमीदार थे, पर हिंदू राजा नहीं था शिवाजी महाराज प्रथम हिंदू छत्रपति राजा हुए जब शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया गया तब 7 नदियों का पवित्र जल मंगाकर दूध दही घी मक्खन वेदोक्त पद्धति से काशी के ब्राह्मणों एवं गागा भट्ट जीके नेतृत्व में राज तिलक संपन्न हुआ.. 11 हजार पंडितों की सहभागिता के साथ इस अवसर पर 50,000 परिवार उपस्थित हुए.. शिवाजी महाराज को छत्रपति की उपाधि से संबोधित किया गया.. शिवाजी महाराज ने जब हिंदवी स्वराज्य के लिए कार्य प्रारंभ किया तब हमारे देश में (दिल्ली में) मुगल शासक था..देश के अधिकांश राज्यों में मुगलों का राज्य था हिंदू सभी जगह संघर्ष कर रहे थे हिंदुओं को पूजा पाठ करने के लिए कर देना पड़ता था, गौ हत्या की जाती थी, मंदिरों को तोड़ा जाता था, कोई व्यक्ति हिंदू होने पर गर्व महसूस नहीं करता था।
सन 1674 में हिंदवी स्वराज्य या हिंदू पद पादशाही की स्थापना की शिवाजी महाराज ने कभी भी भाई भतीजावाद के लिए कार्य नहीं किया उनके 300 किले में कोई भी किलेदार उनका भाई या भतीजा नहीं था शिवाजी महाराज ने भाषा सुधार,अपनी विदेश नीति, व्यापार नीति कृषि नीति न्याय व्यवस्था प्रथक से बनाई, जल सेना बनाई, शिवाजी महाराज ने ऐसा राज्य स्थापित किया कि 1674 से लेकर 1707 तक औरंगजेब ने स्वराज्य को नहीं जीत पाया जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन 1680 में हो गया था शिवाजी महाराज हिंदवी स्वराज्य को केवल 6 वर्ष तक अपना नेतृत्व दे सके शिवाजी महाराज की सेना में 80 युद्धपोत थे, शिवाजी महाराज के राज्य में एक जलदुर्ग बनाया गया था जो चारों ओर से पानी से घिरा हुआ था और उसका दरवाजा भी उथले हुए पानी में से था शिवाजी महाराज ने पर्यावरण के लिए भी कार्य किया उन्होंने अपने राज्य में आम एवं कटहल के पेड़ों को काटने पर रोक लगाई थी शिवाजी महाराज की सेना मैं तानाजी मालुसरे जैसे योद्धा थे जिन्होंने अपने बेटे का विवाह को छोड़ कर के जीजाबाई की इच्छा कोंडाना का किला जीतने के लिए सेना लेकर आक्रमण किया और इस किले पर विजय प्राप्त की लेकिन तानाजी मालुसरे वीरगति को प्राप्त हुए तब शिवाजी महाराज ने कहा था गड आला, सिंह गेला इसलिए इस किले का नाम सिंहगढ़ रखा गया शिवाजी महाराज की सेना में सेनापति नेताजी पालकर एक युद्ध में कुछ विलंब से पहुंचे तो उनको शिवाजी महाराज ने सेनापति से मुक्त कर दिया फिर नेताजी पालकर इस्लाम धर्म कबूल कर औरंगजेब की सेना में शामिल हो गए और 8 वर्ष के बाद उनको अपनी गलती का एहसास हुआ और वह शिवाजी महाराज के पास पुनः आए शिवाजी महाराज ने उनको हिंदू धर्म अपनाया एवं सेनापति बनाया शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज्य में बहुत बड़ा योगदान जीजाबाई का है जिन्होंने शिवाजी महाराज को बचपन से ही इस प्रकार तैयार किया था शिवाजी महाराज का 350वा हिंदवी स्वराज्य वर्ष 2 जून 2023 से 20 जून 2024 तक चलेगा इसमें वर्ष भर कार्यक्रम होंगे यह कार्यक्रम शालेय विद्यार्थियों में मैं शिवाजी कॉलेज विद्यार्थियों में मैराथन दौड़,साहसिक यात्रा, निबंध प्रतियोगिता, व्याख्यानमाला, मातृशक्ति में *
मैं जीजाबाई रंगोली प्रतियोगिता, व्यवसायियों में शिवाजी महाराज के राज्य की व्यापारिक व्यवस्था एवं अन्य विषयों पर व्याख्यान माला आयोजित की जाएगी एवं जिले के प्रत्येक गांव में भारत माता की आरती, महाराज शिवाजी की रथ यात्रा निकाली जाएगी यह सभी कार्यक्रम वर्षभर चलेंगे अंत में श्री ब्रजकिशोर जी भार्गव ने बताया कि हम इन विषयों पर वर्ष भर कार्य करेंगे समाज में स्व का भाव जागरण करना, पर्यावरण संरक्षण पर कार्य करना, समाज में समानता के लिए कार्य करना, शिवाजी महाराज ने उस समय समस्त बंधुओं से कहा था आप सभी मराठा हैं एवं आपका राज्य हिंदवी स्वराज्य है बौद्धिक के बाद शोभायात्रा की रूपरेखा श्री रामबिहारी जी दुबे ने रखी गई एवं आभार व्यक्त श्री कपिल जी तांबे ने किया गया इसके बाद शोभा यात्रा निर्धारित मार्ग से दतिया नगर में निकाली गई इस शोभायात्रा में शिवाजी महाराज का स्वरूप रखे हुए बालक एवं मां जीजाबाई का स्वरूप रखें बहने, बग्गी, घोड़े एवं भगवा ध्वज लेकर के चल रहे युवा और मातृशक्ति का उत्साह नगर में विशेष आकर्षण का केंद्र रहे मंच संचालन श्री रवि जी शर्मा ने किया इस अवसर पर नगर की बड़ी संख्या में सज्जन शक्ति उपस्थित रही।