दलबदलू नेताओं ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता


नई दिल्ली। 2024 के चुनावों के लिए 56 एससी/एसटी संसदीय क्षेत्रों में संगठनात्मक उपस्थिति बढ़ाने के लिए कांग्रेस की नई योजना 'नेतृत्व विकास मिशन' पर जारी एआईसीसी की दस्तावेज में कहा कि कांग्रेस जिला और ब्लॉक स्तर पर अपने महत्वपूर्ण नेताओं के प्रतिद्वंद्वी दलों पर नजर रखना चाहेगी।
दस्तावेज में कहा गया है कि कांग्रेस अलग-अलग कारणों से दलबदल की बुराई से ग्रस्त है। इस रिपोर्ट में ये कहा गया है कि ऐसा जरूरी नहीं कि दल बदलने वाले नेता सांसद या विधायक ही हों। पंचायत स्तर के नेता पर भी नजर रखना जरूरी है।
कांग्रेस ने इस बात पर चिंता जताई कि पलायन करने वाले नेता पलायन के साथ अपने मतदाता आधार को दूसरी पार्टियों में ले जाते हैं। इससे सीधे तौर पर कांग्रेस की ताकत को नुकसान पहुंचता है और चुनावी हार होती है।
पार्टी की तरफ से पेश की गई 'लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन (एलडीएम) या नेतृत्व विकास मिशन का मकसद अपने सभी स्थानीय नेतृत्व पर नजर बनाए रखना है। पार्टी इस की मदद से निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को और भरोसेमंद बनाने की कवायद में जुट गयी है।
पार्टी का ये मानना है कि अगर स्थानीय नेतृत्व और आम लोगों के बीच विश्वास पैदा कर दिया जाए तो कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। वास्तव में पार्टी ये चाहती है कि संगठन और निर्वाचन क्षेत्रों के निचले पायदान पर सबसे ज्यादा ध्यान देकर नेताओं का पलायन रोका जा सकता है।

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