वही इस संबंध में नगर पालिका सीएमओ का कहना है कि मेरे संज्ञान में यह बात आई थी और तुरंत मैंने इसको संज्ञान में लिया। घटना को अंजाम देने से पहले ही उसका वेतन उसे मिल चुका था। वही जब कर्मचारी द्वारा सीएमओ कक्ष में पेट्रोल डालने का प्रयास किया जा रहा था तो आसपास खड़े लोगों ने उसको रोका और बड़ी मशक्कत के बाद मैं कर्मचारी मान गया। नगर पालिका में कर्मचारियों का कहना है की दो-- दो तीन --तीन महीने तक हमारी सैलरी नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में हमारे मकान की किस्त अटक जाती है जिससे हमें व्यर्थ का ब्याज देना पड़ता है साथ ही परिवार को चलाना भी मुश्किल हो जाता है।
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