घटना 29 जनवरी 2025 की है। जब मप्र के गुना रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में लोगों को एक संदिग्ध युवा जोड़ा दिखलाई पड़ा. कुछ देर समझने के बाद लोगों ने उनसे पूछताछ की तो युवक ने स्वयं का नाम सूरज और उम्र तक़रीबन २१ वर्ष बताई. पर न जाने क्यों लोगो को यह हजम न हुआ और उन्होंने उससे अपनी पहचान के साक्ष्य मांगे, शुरू में टालमटोल करने पर जब लोगों ने जोर दिया तो युवक ने अपना आधार कार्ड बतलाया.
आधार में उसका नाम था फैज मोहम्मद, जो की बिहार के दरभंगा का निवासी था. उसके आगे जब लोगों ने सख्ती की तो ज्ञात हुआ की वह युवात्ति भी एक हिन्दू बालिका है और आरोपी फैज उसे षड़यंत्र पूर्वक प्रयागराज से भगा लाया है. यहाँ से उनकी योजना दिल्ली जाकर उस युवती के मतान्तरण की थी, जिसके लिए फैज की एक मुस्लिम युवती मित्र जिसका नाम नगमा बताया गया है, वह वहां इस जोड़े का दिल्ली में इन्तेजार कर रही थी. योजना के अनुसार हिन्दू युवती बरगलाया गया और उसे आश्वस्त किया गया की वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज जाए जहाँ से आरोपी फैज उसे भीड़ में गुंज होने के बहाने भाग ले जाएगा.
परन्तु वह उस हिन्दू युवती का सौभाग्य कहिए या प्रयागराज की महिमा की एक और हिन्दू युवती लव जिहाद के दलदल में जाने से बच गई. अब पुनः सवाल उन शांतिप्रिय मजहब के समर्थकों से पूछना चाहिए जो प्रयागराज में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक की बात पर रुदाली गायन कर रहे थे, की इस मामले में उनकी क्या राय है..? यह मात्र 1 वह मामला है जो की समाज की सजगता से सामने आय और 1 युवती की जीवन बच गे लेकिन इसका क्या प्रमाण है की प्रयागराज में ऐसे कई कालनेमि और विचरण कर रहे होंगे जिन्हें हमारी बहन बेटियां माल ए गनीमत लगती हैं. हाल ही में एक ऐसे ही कथित पत्रकार को उप्र पुलिस ने पत्रकारिता की आढ़ में हिन्दू महिलाओं के स्नान करते अश्लील विडियो वायरल करने के आरोप में जेल भेजा है.
धन्यवाद गुना के उन सभी जाग्रत समाजजनों का जिन्होंने अपनी सक्रियता से एक हिन्दू बेटी का जीवन बचा लिया और सारे समाज को ऐसी ही सक्रियता की आवश्यकता है अन्यथा न जाने कितने ही फैज प्रयागराज में ऑंखें गढ़ाए बैठे हैं.